भारत में डॉक्टर को भगवान का रूप कहां जाता है. मानवी जीवन के अस्तित्व को बचाए रखने में डॉक्टर का महत्वपूर्ण रोल होता है. डॉक्टर पेशा को दुनिया में एक सम्मानित दर्जा प्राप्त है. इंसान के जन्म से लेकर उसके अंतिम समय तक डॉक्टर का महत्वपूर्ण योगदान हमारी जीवन कार्य में होता है. ठीक उसी तरह डॉक्टर पशुओं का भी इलाज करते हैं. इसलिए हमारे भारतीय संस्कृति में डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है. इस उच्च सम्मानित प्रोफेशन का हिस्सा बनने के लिए बहुत से विद्यार्थी इच्छुक रहते हैं. आजकल डॉक्टर बनने का सपना हर छात्रा देखता है. इसलिए वह दिन रात में कड़ी मेहनत करता है, ताकि आपने नाम के आगे डॉक्टर की लिखने का सौभाग्य प्राप्त हो सके. इस लेख द्वारा हम उन छात्रों को डॉक्टर कैसे बने इसकी जानकारी देने वाले हैं. कई बार भरपूर मेहनत करने के बाद भी जानकारी के अभाव से छात्र परीक्षा में सफल नहीं हो पाते हैं. उन सभी निराश युवाओं के लिए डॉक्टर कैसे बने? इस विषय में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान करेंगे, साथ ही डॉक्टर बनने के लिए कौन से पाठ्यक्रम का चुनाव किया जाए इसका सुझाव प्रदान करेंगे।
how to become doctor after 12th - नीट (यूजी) डॉक्टर बनने का लोकप्रिय माध्यम।
12वीं में सुयोग्य विषयों का चयन करने के बाद डॉक्टर बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है कि, विद्यार्थी को नीट (NEET) की एग्जाम देना अनिवार्य होता है. नीट का पूरा अर्थ National Eligibility Cum Entrance Test यह होता है. भारत में करोड़ों विद्यार्थी हर साल कड़ी मेहनत करके नीट परीक्षा देते हैं. यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली परीक्षा होती है. जो संपूर्ण भारत देश में विभिन्न राज्यों में आयोजित की जाती है. नीट परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए विद्यार्थी कड़ी मेहनत करते हैं. इसी के साथ ही All India Institute of Medical Sciences जिसे AIIMS कहा जाता है और Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education and Research (JIPMER) आदि राष्ट्रीय संस्थानों से भी मेडिकल में दाखिले के लिए परीक्षाएं आयोजित की जाती है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी NTA द्वारा आयोजित की गई एमबीबीएस, बीएमएस, बीडीएस, बीएचएमएस, बीएमएस बीवीएससी आदि पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षाएं ली जाती है.
नीट परीक्षा पद्धति:
नीट NEET परीक्षा साल में एक बार आयोजित की जाती है. यहां परीक्षा ऑफलाइन मोड में ली जाती है. नीट परीक्षा में केमिस्ट्री के 45 प्रश्न, फिजिक्स के 45 प्रश्न ,बायोलॉजी के 90 प्रश्न जिनमें बॉटनी और जूलॉजी पर 45-45 प्रश्न पूछे जाते हैं. केमिस्ट्री और फिजिक्स के हिस्से में 180 है. जबकि बायोलॉजी 360 अंको का होता है. परीक्षा में सही उत्तर के लिए 4 अंक दिए जाते हैं. और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1 अंक काट लिया जाता है.
नीट कौंसिअल में भाग लेना :
नीट (National Eligibility cum Entrance Test) काउंसलिंग भारत में डॉक्टर बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह भारत में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आयुष कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएससी, बीएच, एचएस एवं एमएस जैसे कुछ विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रदान करता है। नीट काउंसलिंग के लिए पंजीकरण ऑनलाइन तौर पर होता है। उम्मीदवारों को सरकारी नीतियों और दिशानिर्देशों का पालन करना होता है। पंजीकरण के बाद, उम्मीदवारों को ऑनलाइन पंजीकृत आयुष कॉलेजों की सूची दी जाती है जिन्हें वे चुन सकते हैं।
उम्मीदवारों को अपने नीट स्कोर के आधार पर पंजीकृत कॉलेजों में सीटों के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। उम्मीदवारों के द्वारा चुने गए कॉलेज की आधार पर, उन्हें कॉलेज में एडमिशन के लिए बुलाया जाता है।
नीट परीक्षा के अंतर्गत आने वाले डॉक्टर के कोर्सेज :
नीट (National Eligibility cum Entrance Test) परीक्षा के तहत निम्नलिखित पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रदान किया जाता है:- MBBS (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery)
- BDS (Bachelor of Dental Surgery)
- BSc (Bachelor of Science in Nursing)
- BAMS (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery)
- BHMS (Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery)
- BUMS (Bachelor of Unani Medicine and Surgery)
- BVSc & AH (Bachelor of Veterinary Science & Animal Husbandry)
इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है। इसके अलावा, नीट परीक्षा के तहत एक राष्ट्रीय स्कोर जारी किया जाता है जिसे विभिन्न आयुष कॉलेजों द्वारा उपयोग में लिया जाता है। उम्मीदवारों को अपने स्कोर के आधार पर अपनी पसंद के कॉलेजों में एडमिशन के लिए आवेदन करना होता है।
डॉक्टर के विभिन्न प्रकार :
- जनरल प्रैक्टिशनर: जो मूल रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करते हैं।
- विशेषज्ञ: जो किसी विशेष रोग या स्वास्थ्य समस्या के लिए विशेषज्ञ होते हैं, जैसे कि कैंसर विशेषज्ञ, मस्तिष्क विशेषज्ञ, हड्डी विशेषज्ञ आदि।
- सर्जन: जो शल्य चिकित्सा करते हैं और आमतौर पर समस्याओं को हल करने के लिए ऑपरेशन करते हैं।
- न्यूरोलॉजिस्ट - जो न्यूरोलॉजी के बारे में जानकार होते हैं और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का इलाज करते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ: जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करते हैं।
- बच्चों के डॉक्टर: जो बच्चों की सेहत से जुड़ी समस्याओं का इलाज करते हैं।
- महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ: जो महिलाओं की सेहत से जुड़ी समस्याओं का इलाज करते हैं।
- दांतों के डॉक्टर: जो दांतों से जुड़ी समस्याओं का इलाज करते हैं
- आँखों का चिकित्सक - जो आँखों से संबंधित समस्याओं का इलाज करते हैं।
- मनोविज्ञानी - जो मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्याओं का इलाज करते हैं।
डॉक्टर कैसे बनें?
1 ) मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट पास करे -
- NEET
- JPIMER
- AIIMS
- मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज
- कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज
2 ) डॉक्टर बनाने के लिए मेडिकल कोर्स को चुने -
3) इंटर्नशिप पूरा करे -
4) मेडिकल कौंसिअल में रजिस्ट्रेशन करे -
5) डॉक्टर के रूप में काम करे -
- आइएमएस (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज), नई दिल्ली
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
- किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज, मुंबई
- अयुष विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली
- चंडीगढ़ साराबही इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, चंडीगढ़
- जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, नई दिल्ली
- माउंट कर्मेल मेडिकल कॉलेज, बंगलौर
- मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
- कॉलेज ऑफ एमएस रामैया, बंगलौर, कर्नाटक
- अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोची, केरल
- जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
- किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल और सर गंगा राम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, मुंबई, महाराष्ट्र
- मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली
- संत रामदास मेडिकल कॉलेज, बदलापुर, महाराष्ट्र
- स्टैनली मेडिकल कॉलेज, चेन्नई, तमिलनाडु
- आइएमएस भोपाल, मध्य प्रदेश
- आईएमएस कलकत्ता, पश्चिम बंगाल